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गेहू कि फसल मे दुसरा खाद कब और कौनसा दें..कल्ले ही कल्ले निकलेंगे

गेहू कि फसल मे दुसरा खाद कब और कौनसा दें..कल्ले ही कल्ले निकलेंगे ; यह पोस्ट गेहूं की फसल में दूसरी खाद डालने के सही समय और सबसे अच्छे कॉम्बिनेशन पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य फसल को सिर्फ हरा-भरा बनाना नहीं, बल्कि उसकी पैदावार में 4 से 6 क्विंटल तक की वृद्धि करना है। गेहूं बोने के लगभग 40 से 50 दिनों के बीच, जिसे टेलरिंग स्टेज (फुटाव की अवस्था) कहा जाता है, यह खाद डालना सबसे महत्वपूर्ण होता है। यही वह निर्णायक समय होता है जब पौधे की जड़ें, फुटाव और तने की मजबूती तय होती है, जिससे पूरी फसल का भविष्य तय होता है।

सिंचाई के साथ प्रति एकड़ इस्तेमाल करने के लिए यह कॉम्बिनेशन सबसे प्रभावी माना गया है। इसके लिए आपको 45 किलोग्राम यूरिया, लगभग 5 किलोग्राम माइकोराइजा, 5 किलोग्राम जिंक सल्फेट (जिसमें 33% जिंक और 15% सल्फर हो) और 8 से 10 किलोग्राम सीवीड (जैसे पीआई की बायोवीटा ग्रेन्युल) लेना है। माइकोराइजा जड़ों का विकास करता है और मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की उपलब्धता 40% तक बढ़ा देता है।

जिंक फुटाव, पत्तियों की हरी-भरी रंगत और दानों की भराई के लिए आवश्यक है, जबकि यूरिया तेजी से वृद्धि सुनिश्चित करता है। सीवीड एक प्राकृतिक बूस्टर की तरह काम करता है, जो पौधे को तनाव सहने की क्षमता देता है और ग्रोथ हार्मोनल एक्टिविटी को बढ़ाता है।

इस सही मिश्रण के उपयोग से खेत में फुटाव बहुत तेजी से बढ़ता है, पौधे का तना मोटा और मजबूत बनता है जिससे फसल को गिरने (लॉजिंग) से बचाव मिलता है। फसल में पीलापन पूरी तरह समाप्त होकर गहरी हरी-भरी चमक आ जाती है। यह मिश्रण जड़ों के फैलाव को दोगुना करके दानों की भराई को बेहतर बनाता है, जिससे उपज में काफी वृद्धि होती है।

सावधानी के तौर पर, यदि आप जिंक सल्फेट का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे डीएपी (DAP) के साथ बिल्कुल न मिलाएं। सिंचाई के तरीके के अनुसार, यदि खुली सिंचाई करते हैं, तो पानी लगाने के बाद नमी में खाद दें, और यदि स्प्रिंकलर से सिंचाई करते हैं, तो खाद डालने के तुरंत बाद सिंचाई करें।

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